न्यायाधीश चंद्रा विक्टोरिया को जज बनाने के विरुद्ध दायर याचिका शीर्ष अदालत ने रद्द कर दी। अर्जी में गौरी को भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की महासचिव बताया गया है साथ ही कहा गया कि जज की शपथ लेने वाले व्यक्ति की संविधान में पूरी आास्था व निष्ठा होनी चाहिए।
CJI चंद्रचूड के नेतृत्व वाली पीठ ने केस की सुनवाई करते हुए कहा कि पहले भी शीर्ष अदालत में राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोग न्यायाधीश बने हैं। इसके बाद अदालत ने याचिका को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति बी आर गवई ने कहा कि जज बनने से पूर्व मैं भी पॉलिटिकल बैकग्राउंड का था। मैं 20 साल से जज हूं और कभी भी मेरा राजनीतिक पृषभूमि मेरे काम के आड़े नहीं आया।
गौरी की नियुक्ति के विरुद्ध मद्रास हाई कोर्ट 22 वकीलों के समूह ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। अर्जी में कहा गया था कि गौरी बीजेपी नेता हैं। अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाए कि विक्टोरिया गौरी ने इस्लाम को हरा आतंक और ईसाईयों को सफेद आतंक जैसे बयान दिये थे।