सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल दफ्तर को नोटिस तलब किया है और मेयर इलेक्शन पर अपना पक्ष रखने को कहा है। शीर्ष अदालत ने यह नोटिस आम आदमी पार्टी की महापौर पद की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय की अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के उस निर्णय पर सवाल उठाए हैं, जिसके तहत LG ने नामित सदस्यों को मेयर और डिप्टी मेयर इलेक्शन में वोट देने का अधिकार दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम घोषित हुए लगभग दो महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक MCD के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं हो सका है। दरअसल दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला है और आम आदमी पार्टी को 134 सीटों पर सफलता मिली है। वहीं 15 वर्ष से दिल्ली MCD में काबिज भारतीय जनता पार्टी को 104 सीटों पर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस के पाले में 9 सीटें आई हैं। विवाद इस बात पर है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 10 पार्षद मनोनीत किए हैं। एलजी द्वारा मनोनीत पार्षदों को एल्डरमैन कहा जाता है। एलजी ने इस मनोनीत सदस्यों को मतदान का अधिकार भी दिया है।
AAP का आरोप है कि एलजी वीके सक्सेना ने चुनी हुई सरकार को मनोनीत कर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन मनोनीत कर दिया है। हालांकि एलजी आम आदमी पार्टी के इस आरोप को सिरे से खारिज कर रहे हैं। इसी विवाद पर एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं हो पा रहा है।