नई दिल्ली। अदानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में पादर्शियता का अभाव बताया। कहा कि मामले में छुपी विसंगितयों को सतह पर लाने के लिए कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें किन लोगों को शामिल करना है, इसका फैसला भी कोर्ट ही करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों के मद्देनजर अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं पर सुनवाई की है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा जज की देखरेख में जांच कराने का अनुरोध किया गया।
कोर्ट ने पहले भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के उपायों पर केंद्र और सेबी (SEBI) के विचार मांगे थे. हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों से हाल में अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में गिरावट के बाद शेयर बाजार के लिए नियामक तंत्र को मजबूत करने की खातिर विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के कोर्ट के प्रस्ताव पर केंद्र ने सोमवार को सहमति व्यक्त की थी।
उधर, सेबी की ओर से कमेटी में शामिल होने वाले लोगों के नाम भी सीजेआई कोस सौंपे हैं। सेबी ने कहा कि हम चाहते हैं कि मामले में मौजूदा विसंगितयां सतह पर आए, लेकिन इसके साथ ही इस बात का ध्यान रहे कि बाजार पर इस प्रकरण का किसी भी प्रकार से नकारात्मक असर ना पड़े। अगर ऐसा हुआ तो निवेशकों को आर्थिक मोर्चे पर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।