होलाष्टक की आज 27 फरवरी से शुरू हो गया है और 7 फरवरी तक होलाष्टक रहेगा। होलाष्टक आठ दिन का होता है पर इस वर्ष यह 9 दिन का है। होलिका दहन तक होलाष्टक चलता है। होली 8 मार्च को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि, होलाष्टक के इन आठ दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। होली से 8 दिन पूर्व सारे शुभ कार्य पर रोक लग जाती है। इस बार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि 27 फरवरी 2023 को प्रात: 12.59 मिनट से शुरू हो रही है।
7 मार्च 2023 को फाल्गुन की पूर्णिमा पर यह खत्म हो जाएगी। होली और अष्टक इन दो शब्दों से मिलकर होलाष्टक शब्द बना है। इसका भावार्थ है होली के आठ दिन। होलाष्टक आने के साथ ही होली उत्सव और होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो जाती है। लखनऊ निवासी मशहूर ज्योतिषाचार्य अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि, होलाष्टक में सभी ग्रह उग्र स्वभाव में रहते हैं। जिस वजह से शुभ कार्यों करने से बचा जाता है। होलाष्टक में कई ऐसे काम है, जिनसे बचना चाहिए। तो जानें वो क्या कार्य है?
पंडित विजय शुक्ल के मुताबिक ने बताया कि, होलाष्टक में क्या कार्य न करें और क्या कर सकते हैं। तो सबसे अहम है कि, इस दौरान शादी, विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश या कोई नया व्यापार खोलना वर्जित माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक शुरू होने के साथ 16 संस्कार जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, विवाह संस्कार जैसे शुभ कार्यों को भी नहीं करना चाहिए। किसी भी प्रकार के हवन, यज्ञ आदि कर्म करने से बचा जाता है। साथ ही नव विवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।