Lal Bihari mritak: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ‘मृतक’ के नाम से फेमस लाल बिहारी के 25 करोड़ रुपये मुआवजे के दावे से मना कर दिया. साथ ही न्यायालय का वक्त नष्ट करने को लेकर उस पर 10 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।
जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने आजमगढ़ के निवासी लाल बिहारी ‘मृतक’ की अर्जी को रद्द कर दिया और उनपर यह आर्थिक दंड लगाया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि याची के केस में हकीकत तक पहुंचने में लंबा वक्त नष्ट हुआ है और यह सब मात्र इसलिए हुआ क्योंकि याची का कहना था कि प्रदेश सरकार ने उसे मृतक करार दिया है, जबकि सरकार ने कभी भी याची को मृतक घोषित ही नहीं किया था।
न्यायालय ने कहा कि केस को सबसे पहले विधानसभा में एक एमएलए ने उठाया और उसके बाद टाइम मैगजीन ने इसे छापा था ।
लखनऊ बेंच ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि याची का दावा है कि राजस्व अभिलेख में उसे मृतक बता दिए जाने की वजह उसे अपने अधिकारों के संघर्ष में इतना वक्त नष्ट करना पड़ा कि वह बनारसी सिल्क साड़ी के अपने व्यवसाय पर ध्यान नहीं दे पाया. यह कहानी स्वनिर्मित है.
कोर्ट ने कहा कि याची के अपने रिश्तेदारों ने उसकी गैर उपस्थिति का लाभ उठाते हुए, राजस्व अभिलेख में अपने नाम चढ़वा लिए।
लाल बिहारी के ऊपर बन चुकी है फिल्म
फेमस निर्देशक और अभिनेता सतीश कौशिक ने मृतक लाल बिहारी के ऊपर एक फिल्म भी बनाई है. फिल्म का प्रोडक्शन सलमान खान किया है. इस फिल्म में सुपरस्टार पंकज त्रिपाठी ने ‘मृतक’ लाल बिहारी का अभिनय किया है. फिल्म जारी होने के बाद लाल बिहारी सुर्खियों में आए थे.