ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 16 मई 2022 को कोर्ट कमीशन सर्वे में मिले कथित शिवलिंग पर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट के फैसले को बदलते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को कथित शिवलिंग का कार्बन डेटिंग और साइंटफिक सर्वे कराकर कोर्ट में रिपोर्ट सब्मिट करने का आदेश दिया है।
यह मांग लक्ष्मी देवी और अन्य 3 महिलाओं ने की थी। इसके पहले सिविल कोर्ट ने उक्त मांग को रद्द कर दिया था। वहीं हाईकोर्ट ने सिविल रिवीजन याचिका पर उक्त आदेश दिया है, जिसपर हिन्दू पक्ष ने खुशी जाहिर की है।
ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी वाद में मामले में हाईकोर्ट प्रयागराज में डाली गई ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की साइंटिफिक जांच कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार मिश्रा की पीठ ने इस मामले में ASI से रिपोर्ट मांगी थी की क्या बिना कथित शिवलिंग को नुक्सान पहुंचाए बिना सर्वे किया जा सकता है या नहीं ? इसपर कोर्ट में एएसआई ने रिपोर्ट सब्मिट की थी जिसपर आज कोर्ट ने आदेश दिया है।
याची के अधिवलता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हमने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर एक याचिका सिविल कोर्ट में दायर की थी, जिसे सिविल कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसपर हमने एक सिविल रिवीजन हाईकोर्ट प्रयागराज में डाला था, जिसपर आज कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को कोर्ट ने आदेश दिया है कि उसकी साइंटिफिक जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए।
बता दें कि साइंटिफिक सर्वे के जरिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को यह पता लगाना होगा कि बरामद हुआ कथित शिवलिंग कितना पुराना है, यह वास्तव में शिवलिंग है या कुछ और है।