मथुरा के जैंत थाना क्षेत्र में जोशीमठ जैसे तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। यहां एक साथ कई मकान में दरार देखी गई है। इसी के चलते लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर है। करीब आधा दर्जन से अधिक मकानो में इस कदर दरार पड़ी हैं कि मकान कब गिर जाए कुछ कहा नही जा सकता। जमीन धंसने से सड़क में दरार पड़ी हैं लेकिन शिकायत करने के बाद भी नगर पंचायत प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
दरअसल, मकानों में दरार आने के पीछे वाटर लाइन लीकेज हो सकता है। स्थानीय लोगों के अनुसार जुझार चौपाल के पास कई साल पहले डाली गई वाटर लाइन लीकेज हो गई है। जिसके चलते यहां के मकान फटने और उनमें दरारें पड़ने लगी है। ऐसा लग रहा है कि मकान कभी भी गिर सकते हैँ। लोगों को रातों को नींद नहीं आती ऐसा लगता है कि किसी भी समय मकान गिर सकते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रात में कई बार उनके मकानों में आवाजें आती हैं और उनकी नींद टूट जाती है। जब वह उठकर देखते हैं तो उनके मकान में दीवारें खिसक रही होती हैं। जिसके कारण पूरा घर सहम जाता है और कई बार लोग रात में घर के बाहर निकल आते हैं।
यह समस्या एक दो घरों की नहीं है। इलाके में आधा दर्जन मकानों का यही हाल है। मकान लगातार दरक रहे हैं और उनकी दीवारों और छतों में दरार आ चुकी हैं। दो और तीन मंजिला मकान भी पूरी तरह से फट चुके हैं और लोग अपने वर्षों की पूंजी को नष्ट होता देखकर परेशान हो रहे हैं।
इन मकानों में ज्यादातर लोग छोटे बच्चों और परिवार के साथ खौफ के साए में रहने को मजबूर है। वही कुछ ने हाल ही में अपना घर तैयार कराया था। लेकिन मकान की तरह अब उनका हौसला भी टूटता नजर आ रहा है। दरार पड़े मकानों की तस्वीरों को देख कर आप इनकी चिंता का अंदाजा लगा सकते हैं। यह मकान कब गिर जाए कुछ नहीं पता। इन लोगों ने किसी तरह सिर पर छत का इंतजाम किया है वही,सभी प्रशासन से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
ऐसी स्थिति में लोग प्रशासनिक मदद की आस लगाए हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी कब तक मामले की सुध ले कर इन लोगों को मदद पहुंचाते हैं। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर उनकी समस्या का निदान नहीं हुआ तो वह सड़क पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे।