महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के दो गांवों द्वारा एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर बैन लगाने के बाद कुछ और गांव इस दिशा में आगे बढे है। ग्रामीणों का आरोप है कि बच्चे एनर्जी ड्रिंक्स के आदी होते जा रहे हैं। इसलिए ऐसे पेय पदार्थों की बिक्री को रोका जा रहा है।
कोल्हापुर के नवे परगाँव और जूने परगाँव गांवों ने इस महीने की शुरुआत में एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद पड़ोसी सांगली जिले के बाहे गांव और कोल्हापुर जिले के संगरूल और हेरले गांवों ने एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है।
ग्रामीणों ने विरोध के तौर पर एनर्जी ड्रिंक की बोतलो को नाले में उंडेल दिया। ग्राम पंचायतों ने उन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी फैसला किया है जो प्रतिबंध के बावजूद अधिक कैफीन युक्त पेय पदार्थ बेचते पाए जाते हैं।
संगरूल गांव की सरपंच शीतल खाड़े ने कहा, “बच्चों में एनर्जी ड्रिंक्स की मांग लगातार बढ़ रही है, कई माता-पिता शिकायत करते हैं कि बच्चे लगातार उसे पीने की मांग करते हैं। उनके आग्रह के कारण हमने अपने गांव में एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्राम पंचायत सदस्यों, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों की टीमें दुकान मालिकों से एनर्जी ड्रिंक्स की बोतलें एकत्र करने के लिए एक अभियान शुरू करेंगी।”
खाड़े ने कहा, “हम प्रत्येक दुकान पर ग्राम पंचायत नोटिस चस्पा करेंगे और स्वास्थ्य पर एनर्जी ड्रिंक्स के प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी देंगे। साथ ही लोगों को इसका सेवन करने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू करेंगे।”