मणिपुर में इंटरनेट बहाल करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एन बीरेन सिंह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मणिपुर की स्टेटस रिपोर्ट पेश की। सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि स्थिति सुधर रही है।
इस समय किसी भी अफवाह से बचने की जरूरी है। कोर्ट ने यह रिपोर्ट को कुकी समुदाय को सौंपी है। इस पर कल तक सकारात्मक सुझाव देने के लिए भी कहा है। इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही है। इस वजह से राज्य में दो महीने से इंटरनेट पर भी बैन लगा हुआ है।
मणिपुर में हो हिंसा और आगजनी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कानून व्यवस्था अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह काम केंद्र और राज्य का है। राज्य में इंटरनेट बैन जारी रहेगा या नहीं, इस मामले में भी कल सुनवाई होगी। राज्य में हिंसा भड़कने के बाद 3 मई को इंटरनेट बैन किया गया था।
मणिपुर में इंटरनेट बहाल करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। राज्य सरकार ने दलील दी कि अभी स्थिति में बार-बार बदलाव हो रहा है। अभी इस आदेश पर अमल से मुश्किल हो सकती है। आपको बता दें कि मणिपुर हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह 7 जुलाई को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि इंटरनेट बैन आंशिक तौर पर हटा दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर हिंसा से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के मंच का इस्तेमाल मणिपुर में तनाव को और बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने ड्रग्स और अपराध को लेकर UN रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड करने की मांगी की है। ताकि जो मणिपुर में हो रहा है, उसे आसानी से समझा जा सके।