लैंडर विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को बताया कि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर विक्रम को चांद के और करीब पहुंच गया है। इसके लिए शाम 4 बजे पहली डी-बूस्टिंग प्रक्रिया पूरी की गई। अब विक्रम लैंडर अब चांद की 113 गुणा 157 किमी वाली कक्षा में आ गया है। यानी, चांद से उसकी न्यूनतम दूरी 113 किमी और अधिकतम दूरी 157 किमी है। इसरो ने बताया कि लैंडर विक्रम आशा के अनुरूप काम कर रहा है।
इसरो ने विक्रम के दो कैमरों से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा की है। इनमें से एक तस्वीर लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से 15 अगस्त की ली थी। एलपीडीसी ने चांद का एक शॉर्ट वीडियो भी बनाया है। वहीं, लैंडर इमेजर (एलआइ) कैमरा-1 ने 17 अगस्त को चांद की तस्वीरें ली और वीडियो तैयार किया।
डी-बूस्टिंग प्रक्रिया के दौरान मिशन लांच करने के 35 दिन बाद विक्रम के इंजन को चालू किया गया। विक्रम में लगाए 800 न्यूटन क्षमता वाले 5 इंजनों का यह पहला परीक्षण था, जो उम्मीदों के अनुरूप रहा। लैंडर की अंतिम डी-बूस्टिंग प्रक्रिया शनिवार आधी रात के बाद 2 बजे पूरी की जाएगी। इसके बाद वह चांद की 30-35 किमी गुणा 100-150 किमी वाली कक्षा में चक्कर लगाएगा।