नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बसपा महागठबंधन में शामिल है. लेकिन अगर चुनाव से पहले उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी.
उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे भाजपा जनता का ध्यान बंटाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है।
मायावती ने कहा कि अटल जी के जीते जी तो भाजपा ने कभी उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश नहीं की पर अब उनकी मौत को भुनाने की कोशिश कर रही है। मायावती ने लखनऊ के 9 माल एवेन्यू स्थित अपने नए बंगले में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ये बातें कही।
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बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर ओबीसी व एससी-एसटी वर्ग से भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खाली पड़े पदों पर भर्तियां नहीं कर रही बस महापुरुषों का नाम लेकर युवाओं को बहलाने का प्रयास कर रही है। इसे लेकर जनता में भाजपा के प्रति भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी तरह से दलित विरोधी है.
हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दलित शब्द के प्रयोग पर आपत्ति दर्ज कराने पर मायावती ने कहा कि हमारे संविधान में हमारे देश का नाम भारत है, पर आरएसएस व भाजपा के लोग इसे हिंदुस्तान भी कहते हैं। जब उन्हें देश को हिंदुस्तान कहने से आपत्ति नहीं है तो अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को दलित कहने से क्यों शिकायत है। जबकि आम बोलचाल की भाषा में एससी-एसटी वर्ग के लिए दलित शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है। यूपी में महागठबंधन करने पर मायावती ने कहा कि जो भी पार्टी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ है तो बसपा उनके साथ किसी भी राज्य में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन को तैयार है बशर्ते उन्हें सम्मानजनक सीटें मिले.
‘रावण’ पर साधा निशाना
वहीं, अभी हाल ही में जेल से छूटे भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर द्वारा उन्हें ‘बुआजी’ कहे जाने पर मायावती ने जवाब दिया कि मेरा मतलब दलित, आदिवासी, पिछड़ी जाति के लोगों व आम जनता से है। बाकी किसी से मेरा कोई संबंध नहीं। उन्होंने कहा कि वह करोड़ों लोगों की लड़ाई लड़ रही हैं. उन्होंने रावण के लिए कहा कि अलग से संगठन बनाने की जरूरत क्यों? बसपा के झंडे के नीचे आकर लड़ाई लड़ें. मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग मुझसे रिश्ता दिखा रहे हैं. सहारनपुर हिंसा में आरोपी चंद्रशेखर मुझसे रिश्ता दिखा रहा है, जबकि मेरा सिर्फ गरीबों से रिश्ता है. ऐसे किसी व्यक्ति से मेरा रिश्ता नहीं है, जो समाज में ऐसा काम करते हैं. समाज में ऐसे बहुत से संगठन बनते चले आ रहे हैं जो अपना धंधा चलाते हैं.