रूस-यूक्रेन युद्ध के समय दुनियां दो भाग में बट गई। एक धड़ा वो था जो रूस का साथ दे रहा था। वहीं, दूसरा धड़ा यूक्रेन का साथ दे रहा था। लेकन हम किसी भी धड़े के साथ नहीं थे। इसलिए हमें हर कदम सोच समझ कर रखना था। लेकिन युद्ध के दौरान उसका असर वैश्विक ईंधन सप्लाई चेन पर होने लगा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे कहा था, “देश के फ़ायदे के लिए जो भी जरूरी, वह करें…” ये सारी बार देश के विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने एक टी वी चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहीं।
अपनी बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमें सारी दुनिया से संबंध बनाने होंगे। लेकिन जब बात हमारे फायदे पर आ जाए, तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर मेरे पास कोई रास्ता हो, तो मुझे अपने लोगों को पेट्रो कीमतों में महंगाई झेलने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा था, ‘ऐसा स्टैंड लें, जिससे भारत को लाभ हो…’ हमने ऐसा ही किया…”
यूरोप पहले खुद के अंदर झांक कर देखे। बता दें रुस से तेल खरीदने के सवाल पर विदेशमंत्री की एक तीखी टिप्पणी वायरल भी हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है कि यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं।