भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 ने आज एक और पड़ाव पार कर लिया है। भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजे गए आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट ने चौथे ‘अर्थ बाउंड मैन्यूवर’ को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। ‘अर्थ बाउंड मैन्यूवर’ का मतलब पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए उसके गुरुत्वाकर्षण बल के जरिए स्पेस में सफर के लिए स्पीड पैदा करना है। L1 प्वाइंट पर पहुंचने के लिए आदित्य तकरीबन चार महीनों का समय लगेगा। भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO) ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है। इसरो ने बताया है कि अगला मैन्यूवर ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) 19 सितंबर को रात दो बजे किया जाएगा।
इसरो ने शुक्रवार को ट्वीट कर आदित्य-L1 को लेकर खुशखबरी दी है। इसरो ने कहा कि आदित्य-L1 का ‘चौथा अर्थ बाउंड मैन्यूवर (EBN#4)’ सफल रहा है। इसरो के मॉरीशस, बेंगलुरू, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर और पोर्ट ब्लेयर के ग्राउंड स्टेशन के जरिए ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट को ट्रैक किया जा रहा है। आदित्य एल-1 के लिए फिजी द्वीप पर मौजूद ट्रांसपोर्टेबल टर्मिनल पोस्ट-बर्न ऑपरेशन में स्पेसक्राफ्ट की मदद करेगा। बता दें कि आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट 256 km x 121973 km दूर मौजूद है।
Aditya-L1 Mission:
The third Earth-bound maneuvre (EBN#3) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 296 km x 71767 km.… pic.twitter.com/r9a8xwQ4My
— ISRO (@isro) September 9, 2023