आखिरकार केंद्र सरकार द्वारा लाए गया नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 (महिला आरक्षण बिल) गुरुवार को लंबी बहस के बाद 215/0 की बहुमत से पास हो गया। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत रिजर्वेशन देने के लिए संविधान का 128 वां संशोधन लेकर आई है। बता दें कि सरकार ने इस बिल के लिए संसद का 5 दिनों के लिए विशेष सत्र बुलाया था।
वहीं, बुधवार को लंबी चर्चा के बाद ये बिल लोकसभा में 454/2 के बहुमत से पास हो गया था। बता दें कि बुधवार को लोकसभा में वोटिंग के दौरान 89 सांसद अनुपस्थित थे। अब इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून में बदल जाएगा। हालांकि इसका लाभ 2029 के लोकसभा चुनाव में मिलने की उम्मीद है।
सरकार द्वारा लाए गए नारी शक्ति अधिनियम बुधवार को लोकसभा में पास हो गया था। इसके बाद आज उसे राज्यसभा में पेश किया गया। इस बिल पर आज दिन भर हुई लंबी बहसे के बाद पास कर दिया गया। वहीं, वोटिंग से कुछ देर पहले प्रधानमंत्री मोदी भी राज्यसभा पहुंचे और उन्होंने इस बिल पर बहस के लिए सभी सांसदों को धन्यवाद दिया।
बिल पर बहस के दौरान राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मैं सभी पार्टियों से आग्रह करते हुए कहा कि दलीय व्हिप की चिंता छोड़कर व्यवस्था को बदलें। एक बार अपने दायरों से निकलकर सोचिए। इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजकर SC/ST और ओबीसी को इनकॉरपोरेट किया जाए। अगर आज आप और हमने यह नहीं किया तो हम ऐतिहासिक गुनहगार होंगे।
केंद्र सरकार द्वारा विधायिका में महिलाओं के आरक्षण के लिए लाया गया महिला आरक्षण बिल बुधवार को लोकसभा में दिन भर के बहस के बाद 454/2 के बहुमत से पास कर दिया गया। इस बिल के समर्थन में जहां 454 वोट पड़े। वहीं विरोध में मात्र 2 लोगों ने वोट दिया।