पंचांग के अनुसार पापांकुशा एकादशी बुधवार 25 अक्तूबर को है। इस तिथि की शुरुआत 24 अक्तूबर को दोपहर 3.14 बजे से हो रही है और यह तिथि 25 अक्तूबर को दोपहर 12.32 बजे संपन्न हो रही है। इसलिए उदया तिथि में पापांकुशा व्रत 25 अक्तूबर को रखा जाएगा।
पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान कर साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें।
2. इसके बाद एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें।
3. इसके बाद धूप-दीप और फल, फूल, मिष्ठान आदि से भगवान विष्णु का विधिपूर्वक पूजा करें।
4. भगवान विष्णु की कथा सुनें, आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
5. रात्रि जागरण कर कीर्तन करें, अगले दिन द्वादशी को फिर पूजन कर ब्राह्मण को भोजन कराएं।
6. गरीब ब्राह्मण को दान दें और शुभ मुहूर्त में पारण करें।
1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान कर साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें।
2. इसके बाद एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें।
3. इसके बाद धूप-दीप और फल, फूल, मिष्ठान आदि से भगवान विष्णु का विधिपूर्वक पूजा करें।
4. भगवान विष्णु की कथा सुनें, आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
5. रात्रि जागरण कर कीर्तन करें, अगले दिन द्वादशी को फिर पूजन कर ब्राह्मण को भोजन कराएं।
6. गरीब ब्राह्मण को दान दें और शुभ मुहूर्त में पारण करें।
एकादशी व्रत के मंत्र
1. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
2. ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
3. ॐ विष्णवे नम:
पापांकुशा एकादशी महत्व