आपने अभी तक तमाम सिक्के सहेजकर रखने वालों को देखा होगा। उनके पास आपको पुरातन काल के सिक्के भी मिले होंगे, लेकिन अगर कहीं आपको 2600 साल पुरान सिक्का दिखे तो आपका हैरान होना लाजिमी है। वो भी यह सिक्का अफगानिस्तान के गांधार से चलकर आगरा पहुंचा हो तो हैरानी और बढ़ सकती है। जी हां, यहां तीन दिन तक चलने वाली मुद्रा प्रदर्शनी में 2600 साल पुराना सिक्का अफगानिस्तान के गांधार से चलकर आगरा तक पहुंच गया। प्रदर्शनी में लोगों ने इसे देखा तो उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा। बहरहाल, इसके अलावा भी यहां तमाम दुर्लभ सिक्के देखे गए। इनकी कीमत 100 रुपये से लेकर 35 लाख रुपये तक बताई गई।
दरअसल, आगरा के छीपीटोला स्थित एसबीआई बैंक में हजारों साल पुराने सिक्कों और नोट की प्रदर्शनी लगाई गई। यह प्रदर्शनी तीन दिन तक चली। इसमें 40 शहरों के लोगों के अपने स्टाल लगाए। इस दौरान यहां देश की पुरानी से पुरानी करेंसी लोगों के सामने आकर्षण का केंद्र बनी रही। हजारों साल पुराने और आज के समय में प्रयोग में ले जाने वाले सिक्के और नोट यहां देखने को मिले। जिनके बारे में आज से पहले आपने सिर्फ सुना होगा। इस मुद्रा प्रदर्शनी में देश के कोने-कोने से सिक्कों का संग्रह करने वाले और खरीदने व बेचने वाले लोग पहुंचे।
शहर में पहली बार आगरा मुद्रा उत्सव का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी के संयोजक रवि वर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी में 40 स्टाल हैं। मुंबई, कोलकाता, झारखंड, जयपुर, इंदौर, सूरत आदि राज्यों से लोग सिक्कों की प्रदर्शनी लगाने आए हैं। प्राचीन भारत का पहला सिक्का, मुगल काल, ईस्ट इंडिया कंपनी व अन्य देशों के प्राचीन सिक्कों का संग्रह प्रदर्शनी में देखने को मिला। बात कीमत की जाए तो 100 से लेकर 35 लाख तक के सिक्के प्रदर्शनी में आए हैं। इसमें मुगल, ब्रिटिश, अकबर, शाहजहां, नूरजहां, चंद्रगुप्त मौर्य, शेरशाह सूरी व अन्य राजा महाराजाओं के समय की मुद्रा देखने को मिली। रवि वर्मा ने बताया कि 27 से 29 अक्टूबर तक चली इस प्रदर्शनी में सैकड़ों लोगों ने सिक्के खरीदे और बेचे हैं।
रवि वर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी में कोलकाता, नासिक, नागपुर, बेंगलुरु, पंजाब, सूरत, दिल्ली से पुराने सिक्के, नोट, डाक टिकट, मेडल, पुराने बेस कीमती धातु के समान हैं। यहां पर कागज का सिक्का भी मौजूद है। उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट ऑफ बीकानेर ने एक पैसे और दो आना के कागज के सिक्के जारी किए थे। जिन्हें यहां एक मुद्रा संग्रह करने वाले ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया है। उनका दावा है कि कागज के बनाए गए देश के यह पहले सिक्के हैं।