बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने फैसला किया है कि दिल्ली में 1 नवंबर 2023 से बीएस-III और BS-IV डीजल बसों को एंट्री नहीं दी जाएगी. केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और डीजल से चलने वाली बीएस-VI बसों को ही चलने की अनुमति होगी. ये नियम प्राइवेट बसों के लिए भी सामान रहेगा. वहीं इस नियम के लागू होने पर 60 फीसद से ज्यादा बसों का संचालन बंद हो जाएगा, जिसके चलते पैसेंजर्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
आनंद विहार, सराय काले खां, कश्मीरी गेट जैसे बस अड्डों पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों से तकरीबन 5,000 से ज्यादा बसें आती हैं. जिसमें UPSRTC की लगभग 1,000 बसें और उत्तराखंड परिवहन विभाग की 300 से ज्यादा बसें शामिल हैं. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, अलग-अलग राज्यों से आने वाली 60 प्रतिशत बसें बीएस-3 और बीएस-4 इंजन वाली हैं. इसके अलावा दिल्ली से टूर और ट्रैवल्स के लिए भी तकरीबन 1,000 से अधिक बसों का संचालन होता है.
CAQM ने यूपी और राजस्थान से एनसीआर शहरों और दिल्ली में प्रवेश करने वाली पुरानी डीजल बसों को हटाने की समय सीमा भी तय कर दी है. जिसके चलते पूरे दिल्ली NCR में जुलाई 2024 से इलेक्ट्रिक और सीएनजी के साथ-साथ सिर्फ बीएस-6 बसों के चलने की ही चलेंगी. इससे प्रदूषण में काफी कमी आएगी.
CAQM ने इंटरनल अरेंजमेंट के तहत CNG, इलेक्ट्रिक और BS-VI डीजल बसों के संचालन की परमिशन दी है. अगले तीन साल में दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें ही चलेंगी, जबकि यूपी समेत अन्य राज्य भी बीएस-6 बसें खरीद रहे हैं.
UPSRTC ने CaQM को लेटर लिखकर त्योहार को देखते हुए पैसेंजर्स को राहत देने के लिए एक नवंबर के बाद भी BS-3 और BS-4 बसों के संचालन पर छूट देने की मांग की है. जल्द ही दिल्ली जाने वाली बसों को BS-VI से रिप्लेस कर दिया जायेगा. इसके लिए नई बीएस-6 बसें खरीदी जा रही हैं. हालांकि त्योहार पर ज्यादा आवागमन के चलते एक्स्ट्रा बसें भी चलाई जाती हैं.