नेपाल में शुक्रवार की रात को आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इस विनाशकारी भूकंप से अब तक 132 लोग अपनी जान गंवा चुके है। वहीं, कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। भूकंप से सैकड़ों घर तबाह हो गए है। देर रात से राहत और बचाव अभियान जारी है। नेपाल में तबाही के मंजर के बीच भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में भारत अपने पड़ोसी देश के साथ खड़ा है। नेपाल में आए इस शाक्तिशाली भूकंप ने 2015 का खौफनाक मंजर याद दिला है।
The death toll in Nepal Earthquake stands at 132: Nepal Police pic.twitter.com/CCzhhS2Mwv
— ANI (@ANI) November 4, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में आए भूकंप में जानमाल के नुकसान पर दुख जताया है। इसके साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे लिखा है कि हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप आधी रात को 11.47 बजे भूकंप आया। इसका केंद्र जाजरकोट जिले में था। गृह मंत्रालय ने बताया कि दोनों जिलों में 132 लोगों की मौत हो गई और 140 लोग घायल हो गए। मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसका असर काठमांडू, इसके आसपास के जिलों और भारत की राजधानी दिल्ली तक महसूस किया गया।
नेपाल में एक बार फिर फिर भूकंप की वजह से भारी तबाही मची है। लोगों को आठ साल पहले 2015 में आए भीषण भूकंप की याद आ गई। बता दें कि नेपाल में इससे पहले साल 2015 में आए भूकंप के के कारण 8000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। उस समय नेपाल में 7.8 और 8.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। 25 अप्रैल, 2015 की सुबह स्थानीय समय के मुताबिक 11 बजकर 56 मिनट पर धरती हिली थी।