म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के बीच पिछले कुछ समय से सशस्त्र संघर्ष चल रहा है। इससे देश में हालात बिगड़ गए हैं। विद्रोही गुटों की बगावत से म्यांमार में सैन्य शासन को चुनौती भी मिल रही है। म्यांमार में चल रही इस हिंसा का असर लोगों पर भी पड़ रहा है।
Many injured Myanmar nationals have entered Mizoram's Champhai district by crossing the international border following fresh airstrike by the Myanmar army in the bordering areas along the Indo-Myanmar border.
Young Mizo Association and other locals are helping the Myanmar… pic.twitter.com/t7SqKZKsXK
— ANI (@ANI) November 14, 2023
विद्रोही गुटों पर लगाम लगाने के लिए म्यांमार जुंटा पूरी ताकत लगा रही है। इसके चलते म्यांमार जुंटा ने चिन राज्य में एयरस्ट्राइक कर दी। इससे इलाके में हालात बेकाबू हो गए हैं। गोलीबारी का दौर पहले से ही चल रहा था और एयरस्ट्राइक ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। एयरस्ट्राइक का निशाना खावमावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकाने रहे, लेकिन हमले का असर सामान्य लोगों पर भी पड़ रहा है। लेकिन म्यांमार में स्थिति बिगड़ने का असर भारत पर भी पड़ रहा है।
म्यांमार भारत का पड़ोसी देश है। भारतीय राज्य मिज़ोरम के 6 जिलों चम्फाई, सियाहा, लांग्टलाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल की 510 किलोमीटर लंबी बॉर्डर म्यांमार से जुडी हुई है। म्यांमार में गोलीबारी, बमबारी और एयरस्ट्राइक के चलते वहाँ के लोगों में दहशत का माहौल है। कई सामान्य लोग इन हमलों में घायल भी हुए हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि हमलों से बचने के लिए म्यांमार के 2,000 से ज़्यादा नागरिकों ने भारत की बॉर्डर पर करते हुए भारत में घुस गए।
म्यांमार से भारत की बॉर्डर पार करके आए इन लोगों ने मिज़ोरम के चम्फाई जिले के जोखावथर में शरण ली। यहाँ पर यंग मिज़ो एसोसिएशन और दूसरे लोकल लोग इन शरणार्थियों की मदद कर रहे हैं।