नई दिल्ली। चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर आखिरकार प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक पर विराम लगा ही दिया। बता दें, बीते दिनों भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद उन्हें पीएमएलएल कोर्ट में पेश किया गया, जहां ईडी ने सोरेन की 10 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने महज एक दिन की हिरासत पर ही मुहर लगाई। हालांकि, अब खबर है कि सोरेन की हिरासत अवधि बढ़ाई जा सकती है। उधर, सोरेन की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की कमान किसे सौंपी जाए? इसे लेकर राज्य में पिछले कई दिनों तक संशय बना हुआ था।
हालांकि, बीते दिनों 40 घंटे तक लापता रहने के बाद हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक में आगे का प्लान तैयार कर लिया था, जिसके तहत उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में कल्पना सोरेन और चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कमान सौंपे जाने का फैसला किया था, लेकिन बाद में चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके बाद उन्होंने इस संदर्भ में राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो कि सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है, लेकिन राज्यपाल ने जब विधायकों को न्योता भेजने में देरी की, तो बीजेपी ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि जेएमएम के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है.
जिस वजह से राज्यपाल इन्हें बुलाने में देरी कर रहे हैं, लेकिन जेएमएम का दो टूक कहना है कि हमारे पास पर्याप्त विधायक हैं। वहीं, गुरुवार शाम को विधायकों की राज्यपाल से मुलाकात हुई, जिसके बाद आज चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली। आइए, आगे आपको बताते हैं कि चंपई सोरेन के अब तक के सियासी सफर के बारे में विस्तार से बताते हैं।
चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री हैं। इसे झारखंड की राजनीति की त्रासदी ही कहेंगे कि रघवुर दास को छोड़कर आज तक वहां कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। आदिवासी परिवार में पले-बढ़े चंपई सोरेन का जन्म 1 नवंबर 1956 को सरायकेला खरसावां में हुआ। चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापकों में से एक माने जाते हैं। हालांकि, चंपई सोरेन 1995 से लगातार विधायक रहे हैं, लेकिन एक बार उन्हें भी चुनावी मैदान में हार का मुंह देखना पड़ा था। सरायकेला खरसावां से चंपई सोरेन 2005 से 2019 तक विधायक रहे।
वहीं, उनके शैक्षणिक पृष्ठिभूमि की बात करें, तो चंपई सोरेन ने 1974 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग को दिए गए जानकारी के मुताबिक, उनके पास 2 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति है। वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को सौंपी गई जानकारी में उन्होंने खुद के पास 45 लाख रुपए की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। बहरहाल, चंपई सोरेन के कार्यकाल में प्रदेश की राजनीतिक स्थिति कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।