लखनऊ। तमाम राज्यों के साथ यूपी की राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव होने जा रहा है। इससे ठीक पहले समाजवादी पार्टी यानी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को झटका लगा है। सपा की सहयोगी अपना दल कमेरावादी की विधायक पल्लवी पटेल ने एलान किया है कि वो अखिलेश की पार्टी की तरफ से राज्यसभा चुनाव के लिए उतारे गए प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगी। वहीं, सूत्रों के जरिए हिंदी अखबार दैनिक हिन्दुस्तान ने भी खबर दी है कि अखिलेश के उतारे प्रत्याशियों से सपा के 6 और विधायक भी नाराज हैं और वे भी वोट नहीं देने जा रहे हैं। पहले जानते हैं कि पल्लवी पटेल ने आखिर सपा के राज्यसभा उम्मीदवारों को वोट न देने का एलान क्यों किया है। पल्लवी पटेल ने यूपी तक से कहा कि अखिलेश यादव अगर पीडीए की लड़ाई को बच्चन या रंजन बनाने की कोशिश करेंगे, तो वो साथ नहीं देंगी।
पल्लवी पटेल ने यूपी तक से कहा कि ये कोई फिल्मी जंग नहीं है। ये जंग गांव, गरीब, पिछड़ा और अल्पसंख्यक की है। अगर उनके हक से धोखा होगा, तो आवाज उठानी जरूरी है। पल्लवी पटेल ने कहा कि इस धोखाधड़ी में वो शामिल नहीं होंगी। पल्लवी पटेल ने कहा कि जहां पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की भागीदारी होनी चाहिए और आप उनका वोट लेने की बात करते हैं, तो ईमानदारी से उनकी भागीदारी नहीं है। पल्लवी पटेल ने कहा कि सपा ने पीडीए को फॉलो नहीं किया है। मैं किसी को जिताने के लिए नहीं हूं। हम गठबंधन का हिस्सा हैं, तो हमारी भी राय होनी चाहिए। पल्लवी पटेल ने कहा कि जो भी समझते हैं कि पिछड़ों और दलितों के नाम पर धोखा हो रहा है, उनको इसका विरोध करना चाहिए।
अखिलेश यादव ने यूपी की राज्यसभा सीटों के लिए जया बच्चन को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। साथ ही रामजीलाल सुमन और यूपी के पूर्व चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन भी सपा के उम्मीदवार हैं। आलोक रंजन ने 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी का घोषणापत्र भी तैयार किया था। अब पल्लवी पटेल और सपा के 6 विधायक अगर राज्यसभा चुनाव में सपा को वोट नहीं देते हैं, तो इससे उसके उम्मीदवारों को जिताने में परेशानी सामने आ सकती है।