वाशिंगटन: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत की अनिच्छा के बावजूद पाकिस्तान क्षेत्र में शांति कायम करने का प्रयास जारी रखेगा. यहां रविवार को पाकिस्तान के दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, “भारत अनिच्छुक है, हम हमारे दरवाजे बंद नहीं करेंगे.”
डॉन ऑनलाइन ने कुरैशी के हवाले से कहा, “मुद्दों से पीछे भागने से वे गायब नहीं हो जाएंगे. इससे कश्मीर में हालात नहीं सुधर जाएंगे.” उन्होंने कहा कि जैसा कि हमारा मानना है कि मिलकर बात करना ही बेहतरीन तरीका है, लेकिन पहले वे राजी हुए और फिर उन्होंने वार्ता करने से मना कर दिया.
डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, कुरैशी ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भाषा और बोलने का लहजा एक विदेश मंत्री के रूप में उचित नहीं था. यह पूछे जाने पर कि क्या तनाव के चलते दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है तो उन्होंने कहा कि युद्ध की बात कौन कर रहा है? हम नहीं कर रहे. हम शांति और स्थिरता चाहते हैं.
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कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान की शांति कायम करने की इच्छा को उसकी कमजोरी नहीं समझनी चाहिए. गौरतलब है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के इस सप्ताह के सत्र से इतर उनकी और सुषमा स्वराज की शुक्रवार को होने वाली मुलाकात रद्द कर दी, जिसके बाद कुरैशी का यह बयान आया है.
क्यों हुई वार्ता रद्द ?
इस मुलाकात को गद्द करने के पीछे जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों द्वारा तीन स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (SPOs) को अगवा कर उनकी हत्या की बजह है. जिसपर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के मेसेज को इंटरसेप्ट कर दावा किया है कि, स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स की हत्याओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ है.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को मिले संदेशों में ISI के लोग कश्मीर में स्थित आतंकियों को SPOs को अगवा कर उनकी हत्या करने का निर्देश देते हुए पाए गए हैं. जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासंघ के इतर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी काउंटरपार्ट शाह महमूद कुरैशी के बीच होने वाली वार्ता की घोषणा के 24 घंटे के अंदर ही उसे रद्द कर दिया गया.