गुलाम नबी आजाद ने उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला को लेकर बड़ा दावा किया है. गुलाम नबी आजाद ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला लोगों की नजरों से बचने के लिए रात में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ चोरी-छिपे बैठकें करते थे. आजाद ने अब्दुल्ला परिवार पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा कि वो श्रीनगर में कुछ कहते हैं तो जम्मू में बदल जाते हैं और दिल्ली में जाकर कुछ और हो जाते हैं.
आजाद ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला इस समय उमर सरकार और विपक्ष दोनों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. आजाद ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) दोनों जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं.
आजाद ने अपनी बातचीत में दावा किया कि 3 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 के निरस्त करने के ठीक पहले अब्दुल्ला और पीएम मोदी के बीच एक कथित बैठक हुई थी. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में लिए गए इस फैसले के बारे अब्दुल्ला को विश्वास में लिया गया था और घाटी के नेताओं को घर में नजरबंद करने का सुझाव भी उन्हीं की ओर से दिया गया था
आजाद ने कहा कि मैं अब्दुल्लाओं की तरह धोखाधड़ी नहीं करता. मैं अपने हिंदू भाइयों को बेवकूफ बनाने के लिए मंदिरों में नहीं जाता और मैं कट्टरपंथी इस्लामवादियों को खुश करने के लिए अपने देश का दुरुपयोग नहीं करता. आजाद ने 2014 में बीजेपी-पीडीपी सरकार बनाने से पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि मैंने मुफ्ती से कहा कि अगर वह बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे तो वह राजनीतिक रूप से खत्म हो जाएगे. मुख्यमंत्री बनने के छह महीने बाद मुफ्ती मुझसे मिले और उन्होंने स्वीकार किया कि मैं सही था. उन्हें खेद है कि उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया है.