लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और उससे पहले लगातार कई बड़े ऐलान सुनने को मिल रहे हैं. पिछले महीने ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बड़ी जानकारी देते हुए कहा था कि इसे लोकसभा चुनावों से पहले लागू किया जाएगा.
इसी बीच बड़ी खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब से कुछ ही देर में सीएए को लेकर देश को संबोधित कर सकते हैं. जिसमें केंद्र सरकार की ओर से सीएए को लेकर बनाए गए नियमों की जानकारी होगी.
सीएए को 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पास किया गया था जिसके बाद पूरे देश में यह चर्चा और विरोध का विषय बना हुआ था. नागरिकता संशोधन कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने का फास्ट ट्रैक रोड तैयार करता है.
इसके लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है जिसके इस्तेमाल से जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने की वजह से भारत में शरण लेने पहुंचे हैं उन्हें भारत की नागरिकता दी जा सकेगी.
इस कानून को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में धरना और असम के गुवाहाटी में काफी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था, हालांकि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए लोगों का अपना धरना वापस लेना पड़ा था. उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून को संसद में पारित हुए चार साल से ज्यादा हो गए है लेकिन इसे लागू करने में इसलिए ज्यादा वक्त लगा क्योंकि इसके नियमों और प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना था.