हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा-जजपा गठबंधन टूट गया है. मनोहर लाल खट्टर ने मुख्ममंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ पूरे मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा दे दिया. उधर, दुष्यंत चौटाला ने सरकारी गाड़ियां लौटा दी हैं. भाजपा विधायक दल की बैठक भी दोपहर 12 बजे बुलाई गई है. दिल्ली के पर्यवेक्षक के रूप में अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ भी हरियाणा पहुंचने वाले हैं.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज इमरजेंसी बैठक बुलाई है. बैठक में 7 निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया है. फिलहाल, मनोहर लाल खट्टर की सरकार में भाजपा के 41, जजपा के 10, एक निर्दलीय और हलोपा के एक विधायक का समर्थन था. राज्य के 7 निर्दलीय विधायकों में धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन, गोपाल कांडा, राकेश दौलताबाद, सोमवीर सांगवान, रणजीत चौटाला, नयन पाल रावत शामिल है.
मुख्यमंत्री पद से मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नया नेता चुना जाएगा. फिर भाजपा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र सौंपेगी. इसके बाद नए मंत्रिमंडल का गठन होगा.
मनोहर लाल मंत्रिमंडल के सामूहिक इस्तीफे के बाद नए सरकार का गठन होगा. मीडिया में ये भी खबरें हैं कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. यानी मनोहर लाल खट्टर की जगह किसी और नेता को राज्य की कमान सौंपी जा सकती है. दावा किया जा रहा है कि मनोहर लाल खट्टर राज्य की किसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
राज्य में दलीय स्थिति की बात करें, तो भाजपा के 41, जजपा के 10, कांग्रेस के 30 और इनेलो और हलोपा के एक-एक और 7 निर्दलीय विधायक हैं. राज्य में 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 46 का आंकड़ा जरूरी है. इस लिहाज से भाजपा नंबर गेम में पिछड़ी दिख रही है.
लेकिन सूत्रों का दावा है कि आज होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में 7 निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया है.
इससे पहले हरियाणा के निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने कहा था कि मैं कल मुख्यमंत्री से मिला था. हमने पहले ही सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन दे दिया है. हमने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि मुझे यह आभास हुआ कि राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने की शुरुआत हो चुकी है.