भारत शक्ति’ प्रदर्शन को देखने आज पोकरण पहुंचेंगे पीएम मोदी, तीनों सेनाएं एक साथ करेंगी युद्धाभ्यास

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पोखरण में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास “भारत शक्ति 2024” देखेंगे। इस अभ्यास में सेना की तीनों शाखाएं एक घंटे तक चलने वाले प्रदर्शन में अपनी परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी। यह कार्यक्रम स्वदेशी हथियारों की शक्ति को दिखाएगा।

स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन करने के अलावा, मेजर जनरल अतिरिक्त महानिदेशक सी.एस. मान ने सेना डिजाइन ब्यूरो के संवाददाताओं को बताया कि विभिन्न घरेलू निर्मित रक्षा प्रणालियां जैसे अर्जुन टैंक, धनुष होवित्जर, तेजस लड़ाकू विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर अपनी लड़ाकू क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। प्रधान मंत्री मोदी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ, रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए प्रदर्शन में उपस्थित रहेंगे।

मेजर जनरल मान ने आगे बताया कि अभ्यास के दौरान, भारतीय नौसेना के मार्कोस, भारतीय वायु सेना के गरुड़ और भारतीय सेना के विशेष बल दुश्मन के इलाके में गहराई तक अभियान चलाएंगे। अभ्यास के दौरान लंबी दूरी के हथियारों और तोपखाने बंदूकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रदर्शन में K9 वज्र स्व-चालित होवित्जर, रोबोटिक खच्चर, मोबाइल वायु रक्षा प्रणाली, एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम, ब्रिजिंग सिस्टम, माइनफील्ड हल, आकाश वायु रक्षा प्रणाली और एके-203 असॉल्ट राइफल जैसे महत्वपूर्ण उपकरण शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, स्वाति जैसी रडार प्रणालियाँ और ब्रह्मोस जैसी मिसाइल प्रणालियाँ भी प्रदर्शित की जाएंगी।

तेजस विमान अपनी लड़ाकू क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे, जबकि घरेलू स्तर पर निर्मित उपकरण जैसे पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, अर्जुन टैंक, धनुष होवित्जर, तेजस लड़ाकू विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय नौसेना रणनीतिक प्रभाव के लिए समुद्री अभियानों का प्रदर्शन करेगी। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा संयुक्त सैन्य अभ्यास रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करेगा और रक्षा प्रौद्योगिकियों में इसकी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा।

इस अभ्यास में रक्षा प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करने वाली समन्वित सैन्य गतिविधियां शामिल होंगी। जमीनी अभियानों के बाद, वायु सेना रक्षा हथियारों और जवाबी ड्रोन उपायों का उपयोग करके दुश्मन के ठिकानों पर हमले शुरू करेगी।

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