नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सीएए लागू करने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने के लिए तेजी से कदम बढ़ाए हैं। गृह मंत्रालय ने सोमवार को सीएए लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक्स हैंडल पर इससे संबंधित 39 पेज का दस्तावेज भी जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि नागरिकता के आवेदन के साथ क्या दस्तावेज देने होंगे। सीएए के तहत नागरिकता के आवेदन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। इसके लिए अब गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल का एड्रेस भी जारी कर दिया है।
गृह मंत्रालय ने सीएए के तहत आवेदन के लिए https:/indiancitizenshiponline.nic.in वेब पोर्टल जारी किया है। इस वेब पोर्टल पर जाकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस वेब पोर्टल पर सारी जानकारी दी गई है। साथ ही जरूरी दस्तावेज अपलोड करने की व्यवस्था भी इस वेब पोर्टल में है। इसके जरिए जो भी आवेदन करेगा, उसकी जांच जिला स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी करेगी। ये कमेटी ही नागरिकता देने पर अंतिम फैसला लेगी। इस कमेटी के ऊपर प्रदेश स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी भी केंद्र सरकार बनाने जा रही है।
Ministry of Home Affairs (MHA) has provided web portal (https:/indiancitizenshiponline.nic.in) on which people persecuted from Afghanistan, Pakistan and Bangladesh on religious grounds of six minority communities – Hindus, Sikhs, Buddhists, Jains, Parsis and Christians– can… pic.twitter.com/N9a3iBWCiN
— ANI (@ANI) March 12, 2024
सीएए संबंधी बिल को मोदी सरकार ने 2019 में पास कराया था। इसके बाद नियम कायदे तय करने के वास्ते इसे लागू करने में 4 साल की देरी हुई है। खास बात ये है कि सीएए के जरिए नागरिकता देने के लिए जो एम्पावर्ड कमेटी बनाई जाएगी, उसमें राज्यों का दखल नहीं होगा। इससे किसी को भी ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि राजनीतिक कारणों से उसे भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी। तो जो लोग नागरिकता चाहते हैं और शर्तें पूरी करते हैं, वे अब सीएए के तहत भारत के निवासी के तौर पर माने जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।