बरेली: विधायक के खिलाफ एफआईआर को लेकर भारतीय जनता पार्टी में मचे बवाल के बीच हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का नया मामला सामने आया है. समाजवादी पार्टी के नेता वीरपाल सिंह यादव ने अल्पसंख्यकों के समर्थन के नाम पर ऐसी आपत्तिजनक बातें कह डालीं कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. वीरपाल का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस को उन पर कार्रवाई करनी पड़ी.
कांवड़ियों को बताया नशेड़ी
वीरपाल सिंह यादव का एक वीडियो मंगलवार की शाम वायरल हुआ. वीडियो में वीरपाल कांवड़ यात्रियों को दारूबाज और गांजे का नशेड़ी कहते नजर आ रहे हैं. उन्होंने खुद को मुस्लिमों का हितैषी बताने के चक्कर में हिन्दू देवी देवताओं को भी नहीं बख्शा. वीरपाल ने कहा था, “जब मौलाना तौकीर को पकड़ा गया था तो मैंने सबसे पहले बयान दिया था कि ये ज्यादती है. हम तो कांवड़ वालों के विरोध में हैं. जब लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत कर रहे थे तब मैंने कहा कि ये लोग (गाली देकर) दारू पीने वाले हैं, गांजा पीने वाले हैं, ये कभी भगत नहीं हो सकते. अगर देश में अमन चैन बनाए रखना है तो इन भाजपाइयों को हराना होगा और इसके लिए समाजवादी पार्टी को राम से और शंकर से भिड़ना होगा, क्योंकि भाजपा की जान इसी में है. जैसे शैतान की जान तोते में होती है.” विवादित वीडियो वायरल होने के बाद वीरपाल सिंह यादव के खिलाफ बिथरी चैनपुर पुलिस ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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क्या है पूरा मामला ?
दरअसल जिले के बिथरी चैनपुर क्षेत्र में सावन के महीने में नयी परंपरा के नाम पर प्रशासन ने कांवड़ का जुलूस नहीं निकलने दिया था. इसकी प्रतिक्रिया पिछले दिनों मोहर्रम के दौरान हुई. स्थानीय विधायक राजेश मिश्रा उर्फ़ पप्पू भरतौल ने ताजिये का जुलूस नहीं निकलने दिया. ताजिये रखकर गुस्साए मुसलामानों ने हाई-वे पर उत्पात काटा था. छह घंटे तक हाई-वे जाम रहा. पुलिस ने भाजपा विधायक पप्पू भरतौल और उनके बेटे समेत दो दर्जन लोगों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा लिखा है. इसको लेकर भाजपाइयों में रोष है. जिले के एसएसपी मुनिराज और एसपी सिटी के तबादले की मांग की जा रही है. विधायक खुद इस मामले में अपने साथ न्याय को लेकर लखनऊ में डटे हुए हैं. वीरपाल ने भी बिथरी चैनपुर से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था. राजेश मिश्रा के हाथों पराजित हुए थे.
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वीरपाल सिंह के बयान और विधायक के खिलाफ कार्रवाई से जिले का माहौल गरमा गया है. राजेश मिश्रा के समर्थक उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट जैसी उपाधियों से पहले से ही नवाज़ रहे हैं. अब उनके राजनीतिक विरोधी वीरपाल सिंह यादव जिस तरह से खुद और अपनी पार्टी को अल्पसंख्यकों का हितैषी साबित करने की कोशिश की है, वह सियासत का एक अलग ही रंग है. वीरपाल राज्य सभा सदस्य भी रह चुके हैं. वीरपाल ने सफाई दी है कि उन्होंने यह सभी कांवड़ियों के लिए सिर्फ उनके लिए बोला है जो नशा करके कांवड़ यात्रा पर जाते हैं. फिलहाल पार्टी की तरफ से इस बयान पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है.