केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के अच्छी खबर है. बाबा केदार, अब अपनी शीतकालीन गद्दी छोड़कर हिमालय रवाना हो रहे हैं. ओंकारेश्वर मंदिर में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक कहे जाने वाले बाबा भैरवनाथ की पूजा संपन्न हो गई है. अब पहाड़ों पर बाबा महादेव का कुनबा पहुंचने वाला है. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह की डोली 10 बजे से निकलेगी.
डोली निकलने से पहले बाबा का पूजना होगा. पहला विश्राम बाबा केदारनाथ गुप्तकाशी मंदिर में करेंगे. 7 मई को भगवान केदारनाथ की डोली गुप्तकाशी से निकलेगी और नाला, नारायणकोटि और मैखांडा से होकर फाटा में रात्रि विश्राम करेगी.
बाबा केदारनाथ की डोली 8 मई को शेरसी पहुंचेगी फिर बड़ासू, रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौरी माता मन्दिर गौरीकुंड पहुंचेगी. गौरीकुंड से निकलकर यह यात्रा जंगलचट्टी, भीमबली लिनचोली, बैस कैंप होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचेगी. बाबा केदारनाथ के कपाट 10 मई को सुबह 7 बजे वृष लग्न में लोगों के दर्शन के लिए खुल जाएंगे.
केदारनाथ जाने के लिए सबसे पहला पड़ाव आमतौर पर हरिद्वार होता है. हरिद्वार से रुद्रप्रयाग और जोशीमठ के लिए बस निकलती है. रुद्रप्रयाग पहुंचने के बाद आपको गौरीकुंड तक के लिए साधन मिल जाएगा. गौरीकुंड के बाद की यात्रा पैदल शुरू होती है. 14 किलोमीटर चलने के बाद आपको बाबा केदार के दर्शन हो सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से जाना चाह रहे हैं तो आप जॉली ग्रेट एयरपोर्ट पहुंचिए, वहां से भी पहुंच सकते हैं. अगर आपके पास 5000 रुपये हैं तो आप बड़े मजे से बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं.