दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की पांच धराओं में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए रहे विभव कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनमें से कई धाराएं गंभीर अपराध से संबंधित हैं.
यही वजह है कि लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि यह मामला कानूनी रूप से तूल पकड़ने पर विभव कुमार को कितने साल जेल में रहना पड़ेगा या अदालत अधिकतम कितना जुर्माना लगा सकती है. या फिर विभव कुमार को जेल की सजा के साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
इन धराओं में दर्ज किया विभव के खिलाफ मुकदमा
आईपीसी 308: आईपीसी की धारा 308 के मुताबिक जो कोई भी ऐसे इरादे या सोच के साथ कोई काम करता है और ऐसी परिस्थितियों में करता है कि उससे किसी की मृत्यु हो सकती है, तो उस पर धारा-308 (गैर इरादतन हत्या) का मुकदमा बनेगा. धारा 308 के आरोपी को सात साल की सजा या सजा के साथ आर्थिक दंड का भी भुगतान करना पड़ सकता है.
आईपीसी 341: आईपीसी की धारा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी को गलत तरीके से रोकता है, तो उसे एक महीने तक की जेल या 500 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है. यह एक जमानती और संज्ञेय अपराध है.
आईपीसी 354B: इस धारा के आरोपी के खिलाफ महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग करने का मामला बनता है. इस धारा के उल्लंघन के आरोपी को तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है.
आईपीसी 506: कोई भी व्यक्ति किसी भी कारणवस किसी अन्य व्यक्ति को धमकाता है या उसके जीवन, संपत्ति या परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है उसके खिलाफ धारा 506 लागू होता है. इस धारा के तहत आरोपी को अधिकतम दो साल जेल की सजा या जेल की सजा के साथ आर्थिक दंड का भी पात्र माना जाएगा.
आईपीसी 509: कोई भी व्यक्ति किसी महिला के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग करता है. किसी महिला के खिलाफ गंदे इशारे करता है या किसी भी आपराधिक इरादे से छूकर स्त्री की लज्जा को भंग करने की कोशिश करता है तो आईपीसी की धारा 509 के तहत पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज (Court Case) कर कार्यवाही की जाती है. इस धारा के तहत आरोपी को अधिकतम तीन साल की सजा या सजा के साथ जुर्माना भी जा सकता है