प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार लगातार केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही है. NDA संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून) को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे. शुक्रवार (8 जून) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. इसी बीच राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि इस बार मोदी की टीम में कौन-कौन मंत्री बनेगा, किस पार्टी के कितने सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाएगी.
जानारी के मुताबिक इस बार मोदी मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी घटने वाली है वहीं बिहार की हिस्सेदारी पिछली बार से डबल हो सकती है. इसके अलावा कैबिनेट में जातीय समीकरण का ध्यान रखते हुए भी मंत्रियों का चयन करने की बात सामने आ रही हैं. इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े से 32 नंबर पीछे रह गई जिसकी वजह से उसे सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ रही है. इसी के चलते बीजेपी के लिए चुनौती है कि वो अपने सहयोगी दलों को खुश रखकर सरकार का गठन करें. वहीं इस बार की कैबिनेट में सभी सहयोगी दलों को साथ रखे. लेकिन बीजेपी गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय किसी भी हाल में सहयोगी दलों को देने के मूड में नहीं है.
वैसे को अभी तक ये तय नहीं हुआ है कि कैबिनेट में किन सांसदों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा. माना जा रहा है कि एनडीए के सहयोगी दलों से विचार-विमर्श करके ही सरकार में कैबिनेट की हिस्सेदारी के बारे में तय कियैा जाएगा. इससे पहले ये बात भी सामने आई थी कि सहयोगियों ने अहम विभागों की मांग रखी है. अब बीजेपी उनको नजरअंदाज नहीं कर सकती इसलिए मंत्रिमंडल ऐसा बनाना होगा जिससे कि किसी सहयोगी दल को परेशानी भी न हो.
किस पार्टी के कितने मंत्री?
अगर 4 सांसद पर 1 मंत्री की मांग को माना जाए, तो इस 16 सीटों वाली TDP को 4 मंत्री पद दिए जा सकते हैं. वहीं 12 सीटों वाली JDU को 3 मंत्री पद मिल सकते हैं. 7 सांसदों वाली एकनाथ शिंदे और 5 सांसदों वाले चिराग पासवान की पार्टी को 2-2 मंत्रालय मिलने की उम्मीद है.