मणिपुर में एक बार फिर से अलग प्रशासन की मांग उठने लगी है. राज्य के चुराचांदपुर जिले में एक मेगा रैली में हजारों लोगों के भाग लेने के बाद कुकी समुदाय का अलग प्रशासन की मांग को लेकर आंदोलन सोमवार को तेज हो गया. यह आंदोलन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) की तरफ से आयोजित किया गया था.
रैली में जोरदार नारेबाजी सुनी जा सकती थी, जिसमें राज्य में कुकी ज़ो बसे हुए क्षेत्रों के लिए अलग स्वीकार्यता और केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग की गई थी. आईटीएलएफ ने पूरे जिले में पूर्ण बंद का आह्वान किया था और यह आंदोलन सोमवार को संसद के लोकसभा सत्र की शुरुआत के साथ हुआ.
जबकि घाटी में स्थानीय लोग राज्य के विखंडन की दिशा में किसी भी कदम के खिलाफ हैं, कुकी-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों ने एक अलग प्रशासन की मांग तेज कर दी है. इसी तरह के सार्वजनिक क्षण और रैलियां कांगपोकपी जिले और तेंगनौपाल डायमंड सहित अन्य प्रमुख कुकी-बसे हुए जिलों में देखी जा सकती हैं.
प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार मणिपुर में हिंसा का राजनीतिक समाधान खोजने की प्रक्रिया में तेजी लाए. आदिवासी संविधान के अनुच्छेद 239 ए के तहत विधानसभा सहित केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण चाहते हैं. इसी तरह की रैलियां कांगपोकपी, तेंगनौपाल और फेरज़ॉल जिलों में भी आयोजित की गईं.