AITMC सांसद साकेत गोखले को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मानहानि मामले में AITMC सांसद साकेत गोखले को ये निर्देश दिया है कि वह लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपए का हर्जाना दें। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को एआईटीएमसी सांसद साकेत गोखले को संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया। अदालत ने गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया और अपने ट्विटर हैंडल पर माफीनामा पोस्ट करने को भी कहा।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, “ट्विटर हैंडल पर माफी छह महीने तक रहनी चाहिए।” यह मुकदमा वादी लक्ष्मी पुरी के खिलाफ मानहानि से जुड़ा हुआ है, जिसमें प्रतिवादी साकेत गोखले ने वादी की ईमानदारी के संबंध में अपमानजनक ट्वीट या पोस्ट प्रकाशित किए थे। कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा, ‘लक्ष्मी पुरी को साकेत गोखले के अपमानजनक बयानों के कारण अपूरणीय क्षति हुई है और इसीलिए साकेत गोखले को उनसे माफी मांगने का निर्देश दिया जाता है।
कोर्ट ने कहा, ‘गोखले को लक्ष्मी के खिलाफ और अधिक अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने से रोका जाता है और लक्ष्मी की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 50 लाख रुपए का हर्जाना दिया जाता है।’ न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि कोई भी मौद्रिक पुरस्कार वास्तव में प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है, हालांकि सभी विचारों के आधार पर, साकेत गोखले को वादी को नुकसान की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है। ये राशि उन्हें 8 हफ्ते के भीतर देनी होगी।
क्या है पूरा मामला?
लक्ष्मी पुरी की ओर से करंजावाला एंड कंपनी द्वारा एक सिविल मुकदमा दायर किया गया था। दरअसल गोखले ने लक्ष्मी पुरी और उनके पति के खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए कि उन्होंने काले धन से जिनेवा, स्विट्जरलैंड में एक घर खरीदा है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी गोखले ने अपने एक ट्वीट में स्विस बैंक खातों और विदेशी काले धन का उल्लेख किया है और वादी और उसके पति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी-लॉन्ड्रिंग जांच का आदेश देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को टैग किया है।