यूपी पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की अदला-बदली का मामला सामने आया है। जांच में पुष्टि के बाद लोकसेवा आयोग ने पांच अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ की कार्रवाई है। मामले में अनुभाग अधिकारी शिवशंकर सिंह, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, उपसचिव सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के लिए निर्णय लिया गया है। साथ ही रिटायर्ड हो चुके सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखकर अनुमति मांगी गई है।
RTI डालने के बाद आया मामला सामने
जानकारी दे दें कि अभ्यर्थी श्रवण कुमार के RTI डालने के बाद PCS J 2022 की उत्तर पुस्तिकाओं के अदला बदली का मामला सामने आया था। अभ्यर्थी ने बाद में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच की मांग की थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय के के निर्देश पर कॉपियों की जांच के बाद अदला बदली की पुष्टि हुई।
8 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
पुष्टि होने के बाद उपसचिव ने 3 अगस्त तक नए सिरे से गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों के पुनः परिणाम घोषित करने का हलफनामा दाखिल किया। श्रवण पांडेय की याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
याची अधिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उप सचिव के हलफनामे में स्वीकार किया गया कि इंटरमिक्सिंग हुई है। लगभग ऐसे 50 अभ्यर्थियों के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है। इनके परिणाम फिर से जारी किए जाएंगे। कोर्ट ने उप सचिव के हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना और चेयरमैन को चार बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याची श्रवण पांडेय ने लगाए ये आरोप
याची श्रवण पांडेय ने आरोप लगाया है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली हुई है तथा एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं। जिसकी वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया।