हाथरस भगदड़ मामले में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट योगी आदित्यनाथ की सरकार को सौंप दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं लिया है। हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के बाद हुई भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार बताया गया है। खबरों के मुताबिक एसआईटी की रिपोर्ट 300 पेज की है। इसमें 132 गवाहों से मिली जानकारी दर्ज की गई है। आज यूपी के सीएम योगी के सामने रिपोर्ट पेश की जा सकती है। इसके बाद कार्रवाई का सिलसिला आगे बढ़ सकता है।
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पर पुलिस ने हाथरस भगदड़ मामले में केस भी दर्ज नहीं किया था। आयोजकों पर केस दर्ज कर सबकी गिरफ्तारी की गई है। हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा का 2 जुलाई को सत्संग था। इस सत्संग के बाद वहां अचानक भगदड़ मच गई। जिसमें 121 लोगों की जान गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की तह तक जाने के लिए पहले एसआईटी जांच बिठाई। इसके बाद न्यायिक आयोग का भी गठन किया। न्यायिक आयोग अब भी हाथरस भगदड़ कांड की जांच कर रहा है। घटना के 4 दिन तक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का कुछ पता नहीं था। उनकी तरफ से हादसे पर कुछ कहा भी नहीं गया था, लेकिन 6 जुलाई को न्यूज एजेंसी एएनआई के कैमरे पर भोले बाबा ने भगदड़ में अपने भक्तों की मौत पर दुख जताया था और कहा था कि इसके दोषियों को कड़ी सजा मिलने की उम्मीद है।
इस बीच, भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने एक और दावा कर दिया कि सत्संग में कुछ लोगों ने जहरीला स्प्रे छिड़का था। जिसकी वजह से भगदड़ हुई और इतने लोगों की जान गई। अब सबकी नजर इस पर है कि एसआईटी रिपोर्ट में नाम न आने के बाद भोले बाबा की तरफ से कुछ और कहा जाता है या नहीं। पहले ही मीडिया में ये खबरें आ चुकी हैं कि हाथरस में सत्संग के दौरान पुलिसकर्मियों को बाहर ही रखा गया था। उनको भीतर नहीं आने दिया गया। साथ ही मोबाइल और कैमरे पर भी रोक लगाई गई थी। इसी वजह से हादसे के वक्त का कोई भी वीडियो अब तक सामने नहीं आया है।