चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां तेज कर दी हैं। आयोग सुरक्षा उपायों समेत विभिन्न पहलुओं का आकलन कर रहा है, ताकि चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हो सकें, जबकि राजनीतिक दल अपने वोट बैंक को साधने की रणनीति बनाने में व्यस्त हैं। चुनाव आयोग अगस्त के पहले या दूसरे सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में मतदान तीन से चार चरणों में हो सकता है। पूरी मतदान प्रक्रिया सितंबर में पूरी होने की संभावना है, जबकि उसी महीने के अंत तक नतीजे घोषित होने की उम्मीद है। आयोग के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने संकेत दिया है कि चुनाव कराने में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा स्थिति है। हाल ही में आतंकवादी गतिविधियों में हुई वृद्धि ने प्रशासन की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिससे चुनाव कार्यक्रम पर असर पड़ सकता है।
आयोग जम्मू-कश्मीर में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद बदली परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक समर्पित टीम चुनाव तैयारियों की देखरेख कर रही है। यह टीम जमीनी स्तर पर काम कर रहे अधिकारियों के साथ मिलकर चुनाव कार्यक्रम तय करने के लिए जरूरी जमीनी कार्य कर रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो चुनाव आयोग अगस्त के पहले या दूसरे हफ्ते में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं का खासा उत्साह देखने को मिला था।