एक तरफ यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपना नाम लिखने के मुद्दे पर विवाद हो रहा है। वहीं, उत्तराखंड में हरिद्वार प्रशासन ने भी ऐसा ही आदेश दुकानदारों को दिया है। अब मध्यप्रदेश के उज्जैन में भी दुकानदारों को अपने नाम की तख्ती लगाने को कहा गया है। उज्जैन के दुकानदारों को अपने नाम की तख्ती लगाने का ये आदेश मेयर मुकेश ततवाल ने दिया है। वहीं, बिहार के गया में महाबोधि मंदिर के बाहर दुकानदारों ने अपनी मर्जी से नाम की तख्तियां लगा दी हैं। जबकि, बिहार सरकार ने ऐसा करने के लिए कोई आदेश नहीं निकाला है। बोधगया में हजारों कांवड़िए आते हैं। ऐसे में हिंदू और मुस्लिम दुकानदारों ने स्वेच्छा से नाम की तख्तियां लगाई हैं।
उज्जैन के मेयर मुकेश ततवाल ने दुकानों के बाहर उनके मालिकों के नाम की तख्ती लगाने का आदेश जारी कर इसे ग्राहकों का हक बताया है। मेयर के अनुसार इस आदेश का उद्देश्य मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाना नहीं है। उज्जैन के मेयर का कहना है कि दुकानदार अपने नाम की तख्ती लगाएंगे, तो इससे सुरक्षा और पारदर्शिता आएगी। उज्जैन में दुकानदारों को नाम की तख्ती न लगाने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। पहली बार उल्लंघन पता चलने पर 2000 और दूसरी बार लगातार उल्लंघन पर 5000 रुपए का जुर्माना मेयर ने तय किया है। उज्जैन के मेयर मुकेश ततवाल ने कहा है कि दुकानदारों को नाम की तख्ती लगाने संबंधी प्रस्ताव को मेयर इन काउंसिल ने 2002 में ही पास किया था। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया था।
उज्जैन में दुकानदारों को तख्ती पर नाम के साथ अपना मोबाइल नंबर भी लिखना होगा। मेयर ने कहा कि उज्जैन धार्मिक शहर है। यहां लोग आस्था के साथ आते हैं। लोगों को जानने का अधिकार है कि जिस दुकान से सामान खरीदा, उसका मालिक कौन है। किसी विवाद की सूरत में इस तरह से समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ कुंभ भी होना है।