निर्मला सीतारमण फिर टैबलेट लेकर पेश करेंगी पेपरलेस बजट, ब्रीफकेस कल्चर हो चुका खत्म

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को फिर से एक पारंपरिक ‘बही-खाता’ शैली की थैली में लिपटा एक डिजिटल टैबलेट लिया और पिछले सालों की तरह ही पेपरलेस फॉर्मेट में 2024-25 का पूरा बजट पेश करने के लिए संसद की ओर रवाना हुईं। भाषा की खबर के मुताबिक,  मैजेंटा बॉर्डर वाली सफेद रेशमी साड़ी पहने, उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने जाने से पहले अपने अधिकारियों की टीम के साथ अपने कार्यालय के बाहर पारंपरिक ‘ब्रीफकेस’ तस्वीर के लिए पोज दिया। टैबलेट को ब्रीफकेस के बजाय एक लाल कवर (रेड पाउच) के अंदर सावधानी से रखा गया है, जिस पर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय प्रतीक उभरा हुआ है।

जुलाई 2019 ब्रीफकेस कल्चर हुआ था खत्म

भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री सीतारमण ने जुलाई 2019 में केंद्रीय बजट के कागजात ले जाने के लिए पारंपरिक ‘बही-खाता’ के लिए बजट ब्रीफकेस की औपनिवेशिक विरासत को त्याग दिया था। उन्होंने अगले वर्ष भी यही किया और महामारी से प्रभावित 2021 में उन्होंने अपने भाषण और अन्य बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए पारंपरिक कागजों की जगह डिजिटल टैबलेट का इस्तेमाल किया। यह परंपरा मंगलवार को भी जारी रही।

सीतारमण का लगातार सातवां बजट

वित्त मंत्री ने बजट डॉक्यूमेंट्स को ले जाने के लिए एक लाल कपड़े के फोल्डर का इस्तेमाल किया, जिस पर एक डोरी लगी हुई थी और उस पर राष्ट्रीय प्रतीक अंकित था। इस साल फरवरी में उन्होंने एक और अंतरिम बजट पेश किया। 2024-25 का बजट सीतारमण का लगातार सातवां बजट है, जो एक रिकॉर्ड है। इससे पहले, मोदी सरकार में उनके पूर्ववर्ती अरुण जेटली और पीयूष गोयल सहित विभिन्न सरकारों में वित्त मंत्री मानक बजट ब्रीफकेस का इस्तेमाल करते थे।

औपनिवेशिक परंपरा को वाजपेयी सरकार के दौरान तोड़ा गया

सीतारमण से पहले, बजट प्रस्तुति के संबंध में एक लंबे समय से चली आ रही औपनिवेशिक परंपरा को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान तोड़ा गया था, जब तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शाम 5 बजे के पारंपरिक समय के बजाय सुबह 11 बजे बजट पेश किया था। तब से, सभी सरकारें सुबह 11 बजे बजट पेश करती आ रही हैं। बजट ब्रीफकेस ले जाने की परंपरा ब्रिटिश विरासत थी। ‘बजट’ शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द ‘बौगेट’ से हुई है, जिसका अर्थ है चमड़े का ब्रीफकेस। “बजट केस” परंपरा 18वीं शताब्दी में शुरू हुई थी, जब राजकोष के चांसलर या ब्रिटेन के बजट प्रमुख को अपना वार्षिक वक्तव्य पेश करते समय ‘बजट खोलने’ के लिए कहा जाता था।

 

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