विवादों में घिरी महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी रहीं पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. दिवसे ने खेडकर की तरफ से लगाए गए उत्पीड़न के आरोप से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि आरोप ‘निरर्थक’ थे और ‘बाद में सोचे गए विचार’ के रूप में लगाए गए थे. ये केवल बकवास और बेतुकी बातें हैं.
पुणे कलेक्टर ने कहा कि पूजा 3 से 14 जून तक जिला कलेक्टर कार्यालय से जुड़ी हुई थीं. इस दौरान, वह उससे केवल तीन बार मिले थे और वह भी अपने अधिकारियों और वकीलों के साथ. 14 जून के बाद, पूजा को डिविजनल कमिश्नर के कार्यालय से सस्पेंड कर दिया गया था. पुणे कलेक्टर ने कहा कि पूजा ने जिले में अपनी पोस्टिंग के दौरान कोई आरोप नहीं लगाया.
क्या बोले पुणे कलेक्टर?
पुणे कलेक्टर ने कहा कि पूजा ने जिले में अपनी पोस्टिंग के दौरान कोई आरोप नहीं लगाया. मेरी रिपोर्ट के जवाब में, राज्य सरकार को लिखे अपने पत्र में, उन्होंने (उत्पीड़न का) ऐसा कोई दावा नहीं किया. यह मुद्दा तभी उठा जब उनका तबादला वाशिम में कर दिया गया और यह बाद में विचार के रूप में सामने आया.
2022 सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के अलावा, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने खेडकर को आयोग की तरफ से आयोजित परीक्षाओं में उपस्थित होने से रोक दिया क्योंकि उन्होंने अनुमति से अधिक बार सिविल सेवा परीक्षा का प्रयास किया था. खेडकर, जिन्होंने मीडिया पर उनके खिलाफ ‘विच-हंट’ में शामिल होने का आरोप लगाया है, उन पर अपने प्रशिक्षण के दौरान ‘वीवीआईपी व्यवहार’ प्रदर्शित करने और ‘झूठे’ विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा करने सहित कई आरोप हैं.