मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी.
हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रूल 7/11 की एप्लिकेशन को खारिज किया है. कोर्ट ने मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में गुरुवार को कहा कि यह वाद सुनवाई योग्य है. अदालत ने इस वाद में मुद्दे तय करने के लिए 12 अगस्त की तारीख निर्धारित की.
‘हिंदू पक्ष की बड़ी जीत’
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज महत्त्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मथुरा कोर्ट में दाखिल हिंदू पक्ष की 18 सिविल वाद को सुनवाई योग्य माना है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने आज खारिज कर दिया है.’
’12 अगस्त से ट्रायल होगा शुरू’
उन्होंने कहा, ‘सीधे तौर पर इस फैसले से अब साफ हो गया है कि मथुरा कोर्ट में जो 18 सिविल वाद दायर हैं उनको सुना जाएगा, यह फैसला हिंदू पक्ष के लिहाज से बड़ी जीत है. जो 18 अलग-अलग वाद हैं अब हाईकोर्ट में उनका 12 अगस्त से ट्रायल चलेगा. हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल सिविल वाद में मुख्य रूप से शाही ईदगाह की सम्पूर्ण भूमि अधिग्रहण कर मंदिर ट्रस्ट को सौंपने के अलावा अन्य मांगें की गई हैं.’
मुस्लिम पक्ष ने जताई थी ये आपत्ति
वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति की थी कि यह वाद समय सीमा से बाधित है क्योंकि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर, 1968 को एक समझौता किया था और इस समझौते की पुष्टि 1974 में दिए गए एक दीवानी मुकदमें के निर्णय में की गई है.
छह जून को फैसला रखा था सुरक्षित
मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि एक समझौते को चुनौती देने की समय सीमा तीन वर्ष है, लेकिन यह वाद 2020 में दायर किया गया था इसलिए मौजूदा वाद समय सीमा बाधित है. मुकदमों की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जैन ने छह जून को निर्णय सुरक्षित रख लिया था.