प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-सशक्त किस्में जारी की। इस मौके पर उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्रयास से कम लागत में ज्यादा उत्पादन के साथ ही पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर जोर
फसलों की इन नई उन्नत किस्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर जोर दिया। किसानों ने कहा कि ये नई किस्में बेहद फायदेमंद होंगी क्योंकि इनसे उनका खर्च कम होगा और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने बाजरे के महत्व पर चर्चा की और कहा कि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों और जैविक खेती के प्रति आम लोगों के बढ़ते रुझान के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि लोगों ने जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू कर दिया और इसकी मांग भी बढ़ रही है।
कृषि विज्ञान केंद्रों की सराहना
वहीं इस अवसर पर किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। किसानों ने जागरूकता पैदा करने में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को सक्रिय रूप से सूचित करना चाहिए ताकि उनके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
कृषि वैज्ञानिकों की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने इन नई फसल किस्मों को विकसति करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की भी सराहना की। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप काम कर रहे हैं, ताकि बेकार पड़ी फसलों को मुख्यधारा में लाया जा सके। प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 खेत की फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। खेत की फसलों में बाजरा, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य फसलों के बीज जारी किए गए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, बागान फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गईं।