ED ने जब्त की अवंता ग्रुप की कई संपत्तियां, 678 करोड़ से ज्यादा आंकी जा रही कीमत

ईडी ने आज गौतम थापर के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अवंता ग्रुप की विभिन्न समूह कंपनियों से संबंधित 678.48 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से जब्त कर लिया है। जब्त की गई संपत्तियां हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में जमीनें हैं। बता दें कि 19 अगस्त 2019 को, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को सेबी (लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) रेगुलेशन, 2015 के विनियमन 30 के तहत उन रिजल्ट के बारे में खुलासा किया था।

 

कंपनी ने किया था झोलझाल

सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड के किए गए खुलासे से पता चला कि कंपनी की लाइबिलिटी और देनदारियों को काफी कम करके दिखाया गया है; संबंधित पक्षों और अन्य पक्षों को दिए गए अग्रिमों को कम करके दिखाया गया है; कंपनी की कुछ असेट्स को कोलेटरल के रूप में दिखाया गया है, कंपनी को लोन के लिए जिसे सह-उधारकर्ता और/या गारंटर बनाया था, जिन्हें बिना किसी अथॉराइजेशन के तुरंत कंपनी से बाहर कर दिया गया था।

एसबीआई ने की थी शिकायत

कंपनी के लोन देने वाले बैंकों ने इस खुलासे पर ध्यान दिया और एसबीआई द्वारा की गई शिकायत के आधार पर, सीबीआई ने दिनांक 22 जून 2021 को आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मेसर्स सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन लिमिटेड, गौतम थापर, के एन नीलकंठ, माधव आचार्य, बी हरिहरन, ओमाकर गोस्वामी और अज्ञात लोक सेवक और निजी व्यक्ति के खिलाफ बैंकों के संघ पर 2435 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।

पहले जारी हुए थे दो कुर्की के आदेश

उपरोक्त एफआईआर के आधार पर, ईडी ने पीएमएलए, 2002 के तहत जांच शुरू की और जांच के दौरान, पहले दो कुर्की आदेश जारी किए गए थे, जिसमें 14.43 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की गई थीं। कंपनी के एक प्रमुख कर्मचारी माधव आचार्य को भी जनवरी 2024 के महीने में गिरफ्तार किया गया था और उनके और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, माधव आचार्य मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में शामिल पाए गए थे।

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