वृन्दावन के प्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर प्रशासन ने जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंदिर ने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे मंदिर आने से पहले भीड़ की स्थिति का आकलन जरूर कर लें और भीड़-भाड़ वाले समय पर दर्शन करने से बचें। छोटे बच्चों, वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और अस्वस्थ व्यक्तियों को भीड़ वाले वातावरण में लाने से विशेष रूप से परहेज करने की सलाह दी गई है।
मंदिर प्रबंधन ने कहा कि गर्मी के मौसम और उपवास की वजह से कई बार वृद्ध दर्शनार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। विशेष रूप से महिलाओं को चिकित्सा परामर्श के बिना दवा लेने से परेशानी हो सकती है। दो साल पहले जन्माष्टमी की रात, मंगला आरती के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण दो महिला श्रद्धालुओं की दम घुटने से मृत्यु हो गई थी। इसी प्रकार हाल ही में एक बुजुर्ग श्रद्धालु की भी मृत्यु हो चुकी है।
मंदिर प्रबंधन ने कहा कि मंदिर में प्रवेश और निकासी द्वार अलग-अलग होने के कारण श्रद्धालुओं को जूते-चप्पल पहनकर मंदिर में प्रवेश करने से बचना चाहिए, क्योंकि एक बार बाहर निकलने के बाद जूते-चप्पल वापस प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
इस वर्ष, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी 26 अगस्त की मध्यरात्रि को मनाई जाएगी, जबकि बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 27 अगस्त की रात को मनाई जाएगी। ऐसे में श्रद्धालु यहां दो दिन तक जन्माष्टमी का आनंद ले सकेंगे।