भारतीय रेलवे ने अपने 119 साल के इतिहास में पहली बार एक दलित अधिकारी को रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। यह महत्वपूर्ण नियुक्ति रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक) सतीश कुमार के रूप में की गई है। यह निर्णय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा लिया गया और सतीश कुमार की नियुक्ति एक सितंबर से प्रभावी होगी, जब मौजूदा सीईओ जया वर्मा सिन्हा रिटायर होंगी।
सतीश कुमार भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के अनुभवी अधिकारी हैं, जिन्होंने रेलवे में 30 वर्षों से अधिक समय तक सेवाएं दी हैं। उनके कार्यकाल में उत्तर-पूर्वी रेलवे, गोरखपुर और पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर उनका योगदान रहा है। उन्होंने रेलवे के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर भी काम किया है, जिसमें कोहरे की स्थिति में ट्रेनों की सुरक्षा के लिए फॉग सेफ डिवाइस पर किए गए उनके नवाचार शामिल हैं। यह डिवाइस कोहरे की स्थिति में ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
सतीश कुमार 1986 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (IRSME) अधिकारी हैं। उन्होंने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT), जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही, उन्होंने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और पेशेवर अनुभव उन्हें इस नई भूमिका के लिए पूरी तरह से सक्षम बनाते हैं।
सतीश कुमार की नियुक्ति जया वर्मा सिन्हा के सेवानिवृत्त होने के बाद की जाएगी। जया वर्मा सिन्हा ने पिछले साल रेलवे बोर्ड के सीईओ के रूप में पदभार संभाला था और इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला थीं। सतीश कुमार उनके सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद का कार्यभार संभालेंगे और उनके कार्यकाल की अवधि उनकी सेवानिवृत्ति तक जारी रहेगी।
इस बीच, उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की भी मंजूरी दी गई है। कासिमपुर हॉल्ट को अब जायस सिटी, जयस को गुरु गोरखनाथ धाम, मिश्रौली को मां कालीखान धाम, बानी को स्वामी परमहंस, निहालगढ़ को महाराजा बिजली पासी, अकबर गंज को मां अहोरवा भवानी धाम, वारिसगंज हॉल्ट को अमर शहीद भाले सुल्तान और फुर्सतगंज को तपेश्वरनाथ धाम नामित किया गया है।