प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पुराना वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अपने स्कूल के दिनों का एक दिलचस्प किस्सा साझा करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 2014 का है, और इसमें पीएम मोदी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ के शुभारंभ के अवसर पर अपने बचपन की यादों को उजागर कर रहे हैं।
वीडियो में पीएम मोदी ने बताया कि जब वह अपने गांव के स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तब ‘देना बैंक’ के प्रतिनिधि उनके स्कूल में आए थे। ये प्रतिनिधि बच्चों को पैसे बचाने के महत्व को समझाने के लिए गुल्लक बांट रहे थे। इसी अभियान के तहत, पीएम मोदी ने भी बैंक में अपना खाता खोला और उन्हें एक गुल्लक भी दिया गया। हालांकि, पीएम मोदी ने खुलासा किया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह कभी भी गुल्लक में पैसे नहीं डाल सके।
उनके द्वारा खोला गया खाता लंबे समय तक बिना उपयोग के पड़ा रहा। पीएम मोदी ने कहा कि बैंक के लोग उन्हें खोजते रहे क्योंकि वे चाहते थे कि वह खाता बंद किया जाए। “बैंक वालों ने मुझे लगभग 20 साल तक खोजा, क्योंकि उस समय खाता बंद करवाने की कोशिश की जाती थी। अब जबकि खाता खोलने के लिए प्रयास किए जाते हैं, मैं इसे गरीबों की जिंदगी का सूर्योदय मानता हूं।”
More than five decades ago, a young school student opened a bank account having been taught the value of savings. At that time he was unaware that it would go on to teach him a very important lesson – a lesson on ‘financial exclusion’.
The financial situation of the family was… pic.twitter.com/4qegklzgPS
— Modi Archive (@modiarchive) August 28, 2024
‘मोदी आर्काइव’ नाम के एक ‘एक्स’ यूजर ने इस वीडियो को साझा किया और एक कैप्शन भी लिखा। कैप्शन में कहा गया, “पांच दशक से भी अधिक समय पहले एक युवा स्कूली छात्र ने बचत का महत्व समझाकर बैंक खाता खोला था। उस समय उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखाएगा। एक सबक जो बचत के महत्व को दर्शाता है।”
कैप्शन में आगे लिखा गया है, “उस समय परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि छात्र के पास बड़े होने के बाद भी बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए साधन नहीं थे। दशकों तक बिना इस्तेमाल के पड़ा खाता सिस्टम के लिए एक बोझ बन गया और इसे बंद करने के लिए लगातार प्रयास किए गए। आखिरकार 20 साल बाद छात्र ने खुद ही इसे बंद करने का फैसला किया। यह युवा लड़का कोई और नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।”