महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में कुछ दिन पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने के बाद प्रदेश में सियासी भूचाल मचा हुआ है, जिसका असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भी दिखा।शुक्रवार को पालघर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिमा गिरने पर खेद जताते हुए लोगों से माफी मांगी और कहा कि शिवाजी महाराज को वह आराध्य देव मानते हैं और उनसे सिर झुकाकर क्षमा मांगता हूं।
क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
प्रधानमंत्री मोदी बोले, “पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ हुआ, मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ नाम नहीं है, हमारे लिए शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। मैं आज सिर झुकाकर आराध्य देव के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं। जो-जो लोग शिवाजी महाराज को अपने आराध्य देव मानते हैं, उनके दिल को जो गहरी चोट पहुंची है, मैं ऐसे लोगों को भी सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे संस्कार अलग हैं। आराध्य देव से बड़ा कुछ नहीं।”
मुंबई से लगभग 480 किलोमीटर दूर सिंधुदुर्ग के मालवण तहसील के राजकोट किले में शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार दोपहर ढह गई।प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर किया था और किले के समारोह में आए थे। इससे खराब गुणवत्ता को लेकर विवाद और बढ़ गया है।मामले में मूर्तिकार जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल पर FIR हुई है। पाटिल कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रतिमा गिरने से महायुति सरकार की हो रही थी किरकिरी
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज को लोग घर-घर में पूजते हैं। उनके नाम पर मुंबई का हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन है।इस साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने है, ऐसे में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर सत्ता पर काबिज शिवसेना (एकनाथ शिंदे), भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के महायुति गठबंधन की किरकिरी हो रही थी।प्रदेश में भारी विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए शिंदे, पवार और देवेंद्र फडणवीस ने माफी मांगी थी।