उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ी कार्रवाई करते हुए 26 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। इन डॉक्टरों पर आरोप है कि ये लगातार ड्यूटी से गैर हाजिर रहते थे और अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह थे। सरकार ने यह कदम उठाकर यह संदेश दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में जालौन, बरेली, मैनपुरी, सिद्धार्थनगर, ललितपुर, बलिया के चिकित्सक शामिल हैं। इसके अलावा, बस्ती, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बहराइच, सहारनपुर और शाहजहांपुर के भी डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया है। इन सभी डॉक्टरों पर ड्यूटी से गैर हाजिरी और कर्तव्यों में लापरवाही का आरोप है।
इस कार्रवाई के साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात डॉक्टर नीना वर्मा से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इसके अलावा, तीन डॉक्टरों की दो-दो वेतन वृद्धियां दो साल के लिए रोक दी गई हैं और एक डॉक्टर को परिनिंदा प्रविष्टि भी दिया गया है। यह दिखाता है कि सरकार अपनी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता है कि आम जनता को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं। इस दिशा में किसी भी तरह की ढिलाई या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें यह कदम योगी सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। बर्खास्त किए गए डॉक्टरों के खिलाफ यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि सरकार अपने कर्तव्यों में लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त है। इसके साथ ही, यह भी दर्शाता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है और आम जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।