भारतीय रुपये की हालत इन दिनों काफी खराब है। हाल ही में, रुपये ने एशिया की सबसे कमजोर करेंसी की सूची में दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। पिछले महीने के दौरान, भारतीय रुपये ने डॉलर के मुकाबले 0.17 फीसदी की गिरावट दर्ज की, जिससे यह एशिया की दूसरी सबसे खराब करेंसी बन गया। सबसे खराब करेंसी बांग्लादेश का टका रही, जिसमें 1.58 फीसदी की गिरावट आई।
रुपया अब डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंच चुका है। पिछले सप्ताह, रुपये ने डॉलर के मुकाबले 84 का आंकड़ा भी छू लिया था। सितंबर के महीने में भी रुपये में गिरावट जारी रही है और अब तक 0.13 फीसदी कमजोर हो चुका है। इस पूरे वित्त वर्ष में, यानी अप्रैल से अब तक, रुपये में 0.6 फीसदी की कमी आई है।
हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में रुपये का प्रदर्शन बेहतर रहा था। तब भारतीय रुपये ने एशिया की तीसरी सबसे स्थिर और मजबूत करेंसी बनने का गौरव प्राप्त किया था। केवल हांगकांग डॉलर और सिंगापुर डॉलर ही रुपये से बेहतर स्थिति में थे। वित्त वर्ष 2023-24 में रुपये में 1.5 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन इससे पहले 2022-23 में रुपये की स्थिति बहुत खराब थी, जिसमें 7.8 फीसदी की भारी गिरावट आई थी।
अगर बात करें एशिया की सबसे मजबूत करेंसी की, तो पिछले महीने ताईवान डॉलर सबसे मजबूत रहा, जिसने डॉलर के मुकाबले 2.72 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। इसके बाद दक्षिण कोरिया का वॉन 2.47 फीसदी की मजबूती के साथ दूसरे स्थान पर रहा। जापान का येन 2.61 फीसदी की तेजी के साथ तीसरे और वियतनाम का डोंग 1.56 फीसदी की मजबूती के साथ चौथे स्थान पर रहा।