नई दिल्ली: शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू दौरे के दौरान विपक्षी पार्टियों और आतंकवाद पर तीखे बयान दिए। शाह ने विशेष रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर निशाना साधा और उनके खिलाफ कई आरोप लगाए। रविवार को फारूक अब्दुल्ला ने शाह के बयानों का कड़ा जवाब दिया।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी एनसी को बदनाम करने की हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन इससे पार्टी की छवि को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया, “हम घुसपैठिए नहीं हैं और न ही मंगलसूत्र छीनने वाले हैं। हम भारत को सभी धर्मों के लोगों का मानते हैं और उसे सबके लिए मानते हैं।” अब्दुल्ला ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे मुसलमानों को डराने का काम कर रही हैं और उनकी सरकार के आने के बाद आतंकवाद की समस्या और बढ़ी है।
अब्दुल्ला ने बीजेपी को यह भी याद दिलाया कि उन्होंने पहले राम के नाम पर राजनीति की और अब वे लोगों को डराने का काम कर रहे हैं। उन्होंने धारा 370 को हटाने के बावजूद आतंकवाद में कोई कमी नहीं आने की बात भी की। फारूक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि एक दिन जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा फिर से मिलेगा।
अमित शाह ने एनसी पर हमला करते हुए कहा था कि अगर अब्दुल्ला परिवार सत्ता में आया तो उन्हें श्रीनगर में भीख मांगनी पड़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि एनसी, कांग्रेस और पीडीपी जैसे दल जम्मू-कश्मीर को पुरानी व्यवस्था में लौटाने का वादा कर रहे हैं, जिसने घाटी में 40 हजार लोगों की मौत का कारण बना। शाह ने कहा, “आज कोई भी ताकत ऑटोनॉमी की बात नहीं कर सकती।” इस राजनीतिक संघर्ष के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि इन विवादित टिप्पणियों का आगामी चुनावों पर कितना असर पड़ेगा।