Saturday, November 23, 2024

अनोखा मंदिर जहां हैं बिना सूंड वाले गणेश जी, भगवान को चिट्ठी लिखकर कष्ट सुनाते हैं भक्त

गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है और इस अवसर पर भक्त गणेश जी की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। लेकिन जयपुर में स्थित गढ़ गणेश मंदिर अपने अनोखे रीति-रिवाजों के लिए खास तौर पर जाना जाता है। यह मंदिर भगवान गणेश की एक अद्वितीय मूर्ति और विशेष पूजा विधि के लिए प्रसिद्ध है।

गढ़ गणेश मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में नाहरगढ़ और जयगढ़ किले के पास स्थित है। यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना है और इसे सवाई जय सिंह ने बनवाया था। इस मंदिर की विशेषता इसकी चढ़ाई है, जो करीब 500 मीटर लंबी है। श्रद्धालु 365 सीढ़ियां चढ़कर इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि साल के दिनों की संख्या के बराबर सीढ़ियां चढ़नी होती हैं।

गढ़ गणेश मंदिर की विशेषता केवल इसकी ऊँचाई तक सीमित नहीं है। यहां भगवान गणेश की पूजा करने का तरीका भी बेहद खास है। इस मंदिर में दो पत्थर के मूषक (चूहे) स्थापित किए गए हैं। भक्त अपनी समस्याओं और कष्टों को इन मूषकों के कानों में कहकर भगवान गणेश तक पहुंचाते हैं। इसके बाद गणेश जी भक्तों के कष्ट दूर करने के लिए उपाय करते हैं।

मंदिर में एक और अद्भुत रीति है – भक्त भगवान गणेश को चिट्ठी लिखकर अपनी समस्याएं भेजते हैं। भक्तों का मानना है कि इस चिट्ठी के माध्यम से उनकी समस्याएं भगवान तक पहुंचती हैं और गणेश जी उनके कष्टों का निवारण करते हैं। अगर कोई भक्त सात बुधवार लगातार भगवान गणेश के दर्शन करता है, तो उसे मनचाहा फल प्राप्त होने की मान्यता भी है।

मंदिर तक पहुंचने से पहले एक शिव मंदिर भी आता है, जहां भक्त भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करते हैं। इसके बाद ही मुख्य गढ़ गणेश मंदिर में प्रवेश करते हैं। यह अनोखा मंदिर और इसकी पूजा विधि भक्तों के लिए एक नई और अद्वितीय अनुभव की तरह है, जो उन्हें यहां बार-बार आने के लिए प्रेरित करती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles